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विशेष लेख : आजादी का महोत्सव……….. स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त को भारत ब्रिटिश शासन से मिली गौरवशाली स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने रहा है। 1947 में, भारत ब्रिटिश साम्राज्य के दमनकारी शासन से मुक्त हो गया था। हमारी आजादी की लड़ाई लंबी और कठिन थी और इसमें कई बहादुर लोगों ने अपने प्राणों की आहुती दे दी। आज परिणाम स्वरूप पूरा देश उस स्वतंत्रता का जश्न मनाने के लिए स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, जिसका हम आनंद लेते हैं और साथ ही भारत ने जिस लंबे संघर्ष का सामना किया है, उसे भी याद करते हैं।

आज के दिन हम उन साहसी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का सम्मान करते हैं, जिन्होंने हमारे देश के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया और कहा, “आधी रात के समय, जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जाग जाएगा।”

बता दें कि लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान प्रत्येक भारतीय का जीवन कठिन और निराशाजनक था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बिना भारतीयों के साथ गुलाम जैसा व्यवहार किया जाता था। भारतीय शासक ब्रिटिश अधिकारियों के हाथ की कठपुतली से ज्यादा और कुछ नहीं थे। ब्रिटिश शिविरों में भारतीय आर्मी के साथ क्रूर व्यवहार किया जाता था और किसान भूखे रह जाते थे, क्योंकि वे फसल नहीं उगा सकते थे और उन्हें अपनी ही भूमि का भारी कर देना पड़ता था।

महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल और भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने कई आंदोलनों का शुभारंभ किया, जिन्होंने 90 वर्षों के बाद गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने में मदद की। 1857 के विद्रोह से लेकर सिपाही विद्रोह तक कई आंदोलनों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के लिए स्वर तैयार किया। इस विशेष दिन, भारत के लोग भारत को स्वतंत्रता प्राप्त कराने में महान पुरुषों और महिलाओं के निस्वार्थ बलिदान को याद करते हैं।

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Author: MP Headlines

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