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खरमोर अभ्यारण्य के नाम पर रेलवे लाइन निर्माण में अड़चने: क्या विकास को बलि चढ़ाया जा रहा है?

धार(मध्य प्रदेश)। युवा सामाजिक कार्यकर्ता अक्षय भंडारी ने आज एक तीव्र बयान जारी करते हुए खरमोर अभ्यारण्य के कारण रेलवे लाइन निर्माण में आ रही गंभीर बाधाओं पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने माननीय रेलवे बोर्ड मंत्री, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को एक ज्ञापन सौंपकर इस मुद्दे पर तत्काल और ठोस कार्रवाई की मांग की है।

ज्ञापन में भंडारी ने आरोप लगाया कि वर्तमान में खरमोर अभ्यारणय में 14 ग्राम पंचायतों के अधिसूचीत के साथ इको सेसेंटिव जोन होने के कारण रेलवे लाइन का निर्माण कार्य में बाधा आ रही है, जबकि इसी क्षेत्र में पॉवर ग्रिड 400/220 का निर्माण बिना उचित अनुमतियों के किया गया था। भंडारी ने इस असमानता को उजागर करते हुए कहा कि यदि पॉवर ग्रिड के लिए पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी की जा सकती है, तो रेलवे लाइन के निर्माण को भी समान प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

सामाजिक कार्यकर्ता अक्षय भंडारी

वर्ष 2002-2003 में खरमोर अभ्यारण्य के अधिसूचित क्षेत्र में पॉवर ग्रिड के निर्माण की अनुमति दी गई थी, और 2008 में यह निर्माण कार्य पूरा हुआ। हालांकि, इस परियोजना के लिए आवश्यक वन विभाग की स्वीकृति नहीं ली गई थी। यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 का सीधा उल्लंघन है।

भंडारी ने कहा, “यदि पॉवर ग्रिड का निर्माण अभ्यारण्य की सीमाओं की अनदेखी करके किया जा सकता है, तो रेलवे लाइन को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सरकार इस असमानता को दूर करे और रेलवे लाइन निर्माण के लिए ठोस कदम उठाए।”

उन्होंने सरकार से अपील की कि सरदारपुर, रिंगनोद, मोहनखेड़ा और करनावद की दिशाओं में तत्काल रेलवे सर्वेक्षण कराकर इस महत्वपूर्ण परियोजना को शीघ्रता से लागू किया जाए। भंडारी ने कहा कि यदि इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो न केवल क्षेत्र के विकास की गति थम जाएगी बल्कि स्थानीय जनसुविधाओं को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया जाएगा।

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Author: MP Headlines

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