सैलाना। भाई बहन के अटूट विश्वास व बंधन का त्यौहार श्रावण मास के अंतिम दिन पूर्णिमा को पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र अनुसार 19 अगस्त की रात को 2.बजकर21 मिनिट पर भद्रा लग जायेगा। जिसका दिन में 1बजकर 30 मिनिट पर समापन होगा। बाद में पूरे समय राखी बांधी जा सकती है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार भद्रा काल को अशुभ माना जाता है।
रक्षाबंधन के दो दिन पुर्व से ही सैलाना नगर में राखियों की दुकानें सजने लगी है। नगर के बाजार चमन रहे रौनक छाई रही।राखियों की दुकानो सहित मिठाई कपड़े की दुकानों में दिनभर ग्राहकों ने खूब खरीदी की।

भगवान कृष्ण एवं द्रौपदी का रक्षाबंधन से महत्व रहा है एक बार भगवान श्री कृष्ण की उंगली कट जाने पर द्रोपती ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उंगली पर बाँधा था उस स्थिति में भगवान कृष्ण की उंगली से खून बहना बंद हो गया था इस घटना के बाद से वह कपड़े का टुकड़ा पवित्र धागा बन गया। उस समय भगवान कृष्ण ने द्रोपती को रक्षा का वचन दिया था। इसके बाद जब द्रोपती का चीर हरण हुआ तब भगवान श्री कृष्ण ने द्रोपती का मान सम्मान रखा और रक्षा की थी। तब से रक्षाबंधन पर्व का वास्तविक महत्व का प्रतीक बना।
रक्षाबंधन भाई बहन के पर्व के रूप में पहली प्राथमिकता में यह त्योहार मनाया जाता है। वहीं रक्षा सूत्र एवं बंधन का महत्व जिससे आपका जीवन में लगाव रहता है साथ सम्मान देते हैं, वह भी रक्षाबंधन पवित्र आत्मा से मनाते आ रहे हैं।

Author: MP Headlines



