सैलाना । एक गुरु का शिष्य के जीवन में क्या महत्व व स्थान है तथा वह शिष्य के भविष्य के लिए कितने प्रयत्न करता है बताते हुए प्राचार्य डॉक्टर एस. सी. जैन ने स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के तत्वाधान में आयोजित शिक्षक दिवस पर अध्यक्षीय उद्बोधन में अपने विचार व्यक्त किए। इसके पूर्व विद्यार्थियों ने महाविद्यालय के प्रत्येक शिक्षक तथा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को तिलक लगा कर पुष्पगुच्छ व कलम देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. सौरभ ई. लाल ने बताया कि कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि माता-पिता के पश्चात शिक्षक ही है जो प्रत्येक छात्र के जीवन को संवारता है ,उसके भविष्य का निर्माण करता है तथा हमेशा विद्यार्थियों का भला ही चाहता है।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आर. पी. पाटीदार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की तरह अगले प्रत्येक प्रोग्राम में विद्यार्थी अधिक से अधिक मंच पर आकर अपने विचार प्रस्तुत करें तथा अपनी वक्तृत्व कला का विकास करें। डॉ. सौरभ ई. लाल ने गुरुत्वाकर्षण के नियम के माध्यम से विद्यार्थी और शिक्षक का संबंध समझाया। संचालन प्रो.अनुभा कानड़े ने किया व आभार प्रो. भूपेंद्र मंडलोई ने माना।