इंदौर। मध्यप्रदेश में लगातार भ्रष्टाचार का बोलबाला बढ़ता ही जा रहा है। बिना रिश्वत के किसी भी विभाग में कोई काम नहीं हो पाता है। लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। प्रतिदिन प्रदेश में कहीं न कहीं भ्रष्टाचार का मामला सामने आ ही जाता है।

मिली जानकारी के अनुसार आवेदक दिलीप बुझानी ट्रेजर टाउन बीजलपुर जिला इंदौर के अनुसार वह MP पब्लिक स्कूल अशोक नगर एवं MP किड्स स्कूल अंजली नगर इंदौर के संचालक हैं इनके दोनों ही स्कूल शासन से विधिक मान्यता प्राप्त होकर संचालित हैं। वर्ष 19-20 से 23-24 तक विधिक मान्यता के साथ इनके द्वारा छात्र /छात्राओं को 5वी एवम 8वी बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित कराया गया था, इसके उपरांत भी आरटीआई एक्टिविस्ट संजय मिश्रा द्वारा जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र इंदौर श्रीमती शीला मेरावी के कार्यालय से सूचना के अधिकार अंतर्गत उक्त दोनों ही स्कूलों के छात्र / छात्राओं की पाँचवी एवं आठवी की परीक्षा में सम्मिलित होने के संबंध में जानकारी माँगी गई थी। जाँच को समाप्त करने एवं आगे भी संजय मिश्रा कोई शिकायत नहीं करेगा ऐसा लिखवाकर देने की एवज़ में आरोपिया जिला परियोजना समन्वयक श्रीमती शीला मेरावी द्वारा 10 लाख रुपया रिश्वत की माँग की जा रही थी जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त राजेश सहाय के समक्ष उपस्थित होकर की गई शिकायत सत्यापन उपरांत सही पाई गई. बातचीत के दौरान 400000 रुपये में लेनदेन तय हुआ ।
आरोपिया श्रीमती शीला मेरावी जिला परियोजना समन्वयक जिला इंदौर के विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आज दिनांक 18.10.24 को ट्रेप कार्यवाही की गई, जिसमें आरोपी को आवेदक से प्रथम किश्त के रूप में ₹1,00,000 की रिश्वत राशि लेते हुए उनके कार्यालय में ट्रैप किया गया।
अतिक्रमण हटाकर जमीन का कब्ज़ा दिलाने के बदले 1.5 लाख मांगे !
देपालपुर में आरआई (रेवेन्यू इंस्पेक्टर) नरेश बिवालकर ने जमीन का कब्जा दिलाने के एवज में 1.5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी। 70 हजार रुपए वह पहले ले भी चुका था। आरआई आवेदक से बाकी बचे 80 हजार रुपए की मांग कर रहा था। इसमें 40 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।

आवेदक भगवान पिता मथुरा लाल कुमावत कृषि व्यवसायी और पूर्व सरपंच हैं, ने 17 अक्टूबर को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि राजस्व ग्राम उजालिया की भूमि सर्वे क्रमांक 135 जिसमें 0.437 हेक्टेयर का रकबा शामिल है, जो आवेदक के नाम दर्ज है।
हाल ही में इस भूमि पर कुछ स्थानीय लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया था। जिस पर तहसीलदार देपालपुर ने 26 सितम्बर को अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया। इसके बाद राजस्व निरीक्षक (रेवेन्यू इंस्पेक्टर) नरेश बिवालकर ने कब्जा हटाने के एवज में 1.5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। उन्होंने पहले से ही 70 हजार रुपये ले लिए थे और अब शेष 80 हजार रुपये की मांग कर रहे थे।
आवेदक की शिकायत के सत्यापन के बाद आरोप को प्रथम दृष्टया सही पाया गया। लोकायुक्त की टीम ने आज आरोपी को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में उप पुलिस अधीक्षक अनिरुद्ध वाधिया सहित अन्य अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मामले की आगे की जांच जारी है।

Author: MP Headlines



