सैलाना। राजस्थान के नोगामा के सुखोदय तीर्थ नसियाजी मे 24 अक्टूम्बर को स्थापित होने जा रही मूर्ति सरवन के पास ट्राले से फिसलकर नीचे गिर गई जिसमें मूर्ति के दो टुकड़े अलग अलग हो गए। घटनास्थल पर वागड़ के सेकड़ो दिगम्बर जैन समाज के लोग एकत्रित हो गए थे। मूर्ति जयपुर से मध्यप्रदेश के सागर में मुनि सुधासागर जी महाराज से तिलक दान करवा कर नोगामा जा रही थी।

मुनि सुव्रतनाथ भगवान की 15 फीट ऊंची, 12 फीट चौड़ी और 25 टन वजनी प्रतिमा 24 अक्टूबर को नौगामा के सुखोदय तीर्थ नसियाजी में स्थापित की जाने वाली थी जिसके समाजजनों द्वारा भव्य कार्यक्रम असयोजित किया गया था। इस प्रतिमा के लिए 11 टन वजनी कमल के फूल का आसन बनाया गया है। बता दे आचार्य विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद,मुनि पुंगव सुधा सागरजी महाराज के सानिध्य, प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया सुयश अशोक नगर के दिशा निर्देशन में शनि ग्रह अरिष्ट निवारक भगवान मुनि सुव्रतनाथ का मंदिर नौगामा में बन रहा है।

क्रेन से 108 फीट ऊंचाई पर प्रतिमा को 9 मिनट तक स्थिर रखने की थी तैयारी
सुखोदय तीर्थ पर भगवान की प्रतिमा को विशेष क्रेन से 108 फीट ऊंचाई पर 9 मिनट तक स्थिर रखने की तैयारी को भी मूर्त रूप दे दिया गया था। यह नजारा इसलिए विशेष माना जा रहा था
कि शनि ग्रह अरिष्ट निवास्क भगवान मुनि सुव्रतनाथ की प्रतिमा हवा में ही चारों दिशाओं में इस धरा पर खुशहाली की दृष्टि
बरसाएंगे। इसी भावना के साथ यह प्रतिमा स्थापित करनी थी। प्रतिमा पर ड्रोन से रत्न व पुष्पवर्षा भी जाने वाली थी।

Author: MP Headlines



