मंदसौर। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं अधिकारी कर्मचारी रिश्वत ले रहे हैं और लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई कर रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा रहा है लेकिन फिर भी मध्य प्रदेश में ऐसे मामले कम नहीं हो रहा है।
मंदसौर जिले में महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के निर्देशन में अनिल विश्वकर्मा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के आदेशानुसार डीएसपी राजेश पाठक एवं सुनील तालान उप पुलिस अधीक्षक की लोकायुक्त की टीम ने मंगलवार को रिश्वत लेते पटवारी को रंगे हाथ पकड़ा है।
लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि मंदसौर जिले के इशाकपुर में रहने वाले धर्मेंद्र मालवीय ने पैतृक भूमि के पारिवारिक बंटवारे को लेकर पटवारी के यहां आवेदन दिया था। पटवारी जगदीश पाटीदार द्वारा तहसीलदार के नाम पर ₹25000 की रिश्वत मांगी गई।
पटवारी ने कहा कि ₹25000 देने के बाद ही तहसीलदार द्वारा नामांतरण और बंटवारा आदि प्रकरण निपटाए जा रहे हैं। यह सुनते ही धर्मेंद्र मालवीय चौंक गया। धर्मेंद्र मालवीय ने इसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा से की।
लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी की शिकायत का सत्यापन किया तो फरियादी सही साबित हुआ। इसके बाद मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने ₹10000 की रिश्वत लेते हुए पटवारी जगदीश पाटीदार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को पकड़ा वह उनके सामने गिड़गिड़ाने लगा। पटवारी लोकायुक्त पुलिस से छोड़ने की गुहार भी लगाई।
जगदीश पाटीदार पटवारी के विरुद्ध धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संसोधन 2018) के अधीन प्रकरण दर्ज क़र विवेचना में लिया गया। कार्यवाही जारी है। हितेश लालावत इसरार, श्याम शर्मा अनिल अटोलिया सहित 10 सदस्यों की टीम ने भाग लिया।