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कैदी की मदद करनी पड़ी मंहगी, वरिष्ठ संयुक्त संचालक ने रतलाम के डाँ.रवि दिवेकर और डाँ.जीवन चौहान को निलंबित किया

रतलाम। जिला अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन के साथ हुए लात, घूंसा, थप्पड़ कांड के बाद शासन स्तर से दो चिकित्सकों पर गाज गिरी है और शनिवार शाम डाँ.रवि दिवेकर और डाँ.जीवन चौहान को निलंबित कर दिया गया है। डाँ.दिवेकर नीमच तो डाँ.चौहान बुरहानपुर में निलंबन की अवधि बिताए थेगे। इन्हे एक तस्कर की मदद के आरोप में निलंबित किया गया है।

वरिष्ठ संयुक्त संचालक (शिकायत) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें (भोपाल) से प्राप्त जानकारी के अनुसार डाँ. रवि दिवेकर (सीबीएमओ एव तत्कालीन प्रभारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कैदी कचरुलाल पिता अमराजी को प्रोटोकाँल के विपरित बिना अधिकार क्षेत्र के जिला अस्पताल का भर्ती पर्चा बनवा कर भर्ती कराया था। इस कैदी की केस सीट भी इन्होने ने ही लिखी। जबकि दिवेकर जिला अस्पताल में कार्यरत नही थे और ना ही ये मेडिकल विशेषज्ञ है। इसके बाद दिवेकर ने डाँ. जीवन चौहान से कैदी की केस सीट पर नोट्स डलवाकर इसे आईसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया। जबकि इस कैदी को किसी तरह की गंभीर बीमारी नही थी।

शासन ने जांच में पाया कि दोनो ही डाँक्टर्स ने अनुशासनहीनता और पैसों का लेनदेन कर कैदी को जेल से बाहर रखने के लिए यह कृत्य किया था। ऐसे में वरिष्ठ संयुक्त संचालक के अनुसार डाँ.जीवन चौहान को निलंबित किया जाकर सीएमएचओं कार्यालय बुरहानपुर के अधीन भेजा गया है। इसी तरह डाँ.रवि दिवेकर को सीएमएचओं कार्यालय नीमच अटैच किया गया है।

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Author: MP Headlines

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