सैलाना। सरवन गरेटी स्थित मामा बालेश्वर दयाल की मूर्ति को माल्यार्पण करके मामा बालेश्वर दयाल की 26वीं पुण्यतिथि मनाई गई है। जयकारों के साथ मामाजी आदिवासी वर्ग के मसीहा रहें। उन्होंने आदिवासियों के लिए घरवालों को छोड़ दिया। जीवनभर समाज के उपेक्षित गरीब वर्ग आदिवासियों के उत्थान के लिए न केवल संघर्ष बल्कि उनके बीच रहकर उन्ही की तरह जीवन.यापन किया और अपने जीवन के अंतिम क्षण एक कुटिया मे बिताए यह कुटिया आज भी यह बताती है कि मामा ने अपनी कथनी व करनी मे कोई अंतर नहीं किया।बालेश्वर दयाल एक सामाजिक कार्यकर्ता और भारतीय राजनेता थे। उन्हें राजस्थान महाराष्ट्र गुजरात और मध्य प्रदेश में भील जनजातियों के बीच उनके काम के लिए याद किया जाता है, उन्होंने उन्हें जल, जंगल और ज़मीन के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए संगठित किया था।
मामा बालेश्वर दयाल के पुण्यतिथि में उपस्थित हुए भारत आदिवासी पार्टी जिला अध्यक्ष चंदु मईड़ा भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा जिला संयोजक भरत डिंडोर सरपंच कांतिलाल दामा जीवन पांडोर, राकेश राठौर, प्रकाश मईडा, लक्ष्मण खराड़ी, बबलू निनामा, बादल मईडा, कमल मईडा, दुला खराड़ी, बाबूलाल निनामा, रामलाल दामा, सीताराम मईडा, बद्री मईडा, पिंटू मईडा, ईश्वर डोडीयार सैकड़ो कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।

Author: MP Headlines



