सफलता की कहानी: नवजात शिशु गण चिकित्सा इकाई में शिशु के वजन में बढ़ोतरी हुई

रतलाम। सिविल सर्जन डॉ.एम. एस. सागर के निर्देशन में जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण बढ़ोतरी हो रही है और शासकीय चिकित्सा सेवाओं के प्रति लोगों के मन में विश्वास बढ़ा है। सिमरन पति अशरफ निवासी वेद व्यास कॉलोनी, रतलाम का प्रसव जिला चिकित्सालय के मातृ एवं शिशु चिकित्सा इकाई में 8 दिसंबर 2024 को हुआ था। प्रसव के समय उनको समय पूर्व प्रसव हुआ था । प्रसव के समय नवजात शिशु अत्यधिक कम वजन का हुआ था। नवजात शिशु को सांस लेने की समस्या से गंभीर हालत में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई रतलाम में भर्ती किया गया। भर्ती के समय नवजात शिशु का वजन मात्र  930 ग्राम  था।

शिशु को भर्ती उपरान्त सी पेप मशीन के सपोर्ट से ऑक्सीजन प्रदान किया गया। नवजात की स्थिति बेहद गंभीर थी, बच्चा शॉक में चला गया था। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.सी. डामोर, डॉ. ए.पी. सिंह, डॉ. सोनू कुशवाह, डॉ. अरविंद परमार, डॉ. रोहित पाटीदार द्वारा उपचार करते हुए शिशु को फैसिलिटी बेस्ड नियोनेटल केयर अनुसार प्रबंधन जारी रखा। करीब 5 दिन शिशु सी पेप मशीन पर रहा। पीलिया की समस्या के चलते फोटोथेरपी शुरू की गई एवं  करीब 4 दिन शिशु को आईनोट्रॉप सपोर्ट पर रखा गया एवं फर्स्ट लाइन एंटीबायोटिक उपचार दिया गया। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर्स द्वारा 24 घंटे शिशु की देखभाल करते हुए उसे भर्ती के तीसरे दिन से स्तनपान फीडिंग शुरू किया गया एवं आठवे दिन से शिशु को प्रति दिन कंगारू मदर केयर दी गई। दसवें दिन के बाद से बच्चे को प्रतिदिन स्तनपान एवं कंगारू मदर केयर प्रदान की जाती रही। लगभग 38 दिन तक शिशु एसएनसीयू में भर्ती रहा।

पिछले दिनों लगातार वजन में वृद्धि हुई, मां दूध पिलाने में सक्षम हुई, बच्चा पूरी तरह स्टेबल होने के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज के समय शिशु का वजन 1320 ग्राम था। शासकीय अस्पताल की सेवाओं से प्रसन्न होकर सिमरन पति अशरफ निवासी वेदव्यास कॉलोनी रतलाम ने मध्यप्रदेश शासन, सिविल सर्जन डॉ. एम.एस. सागर और चिकित्सको तथा नर्सिंग ऑफिसर,  पैरामेडिकल स्टाफ को धन्यवाद दिया है।

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Author: MP Headlines

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