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आचार्य विश्वरत्नसागरजी महाराजा मुनिमण्डल नगर के बाल मुनि देवर्धिरत्न सागरजी का गाजे बाजे के साथ भव्य प्रवेश हुआ

सैलाना। सैलाना की धर्मधरा पर आज सुबह  से ही एक अलग ही उत्साह का वातावरण था। आज सैलाना के मोदी परिवार के लाड़ले श्री पारसमलजी मोदी के पौत्र जयेश मोदी के पुत्र और जो आज देवर्धिरत्न सागरजी के नाम से जाने जाते है, उनकी दीक्षा के एक वराह के भीतर वापस सैलाना में प्रवेश था आज यह प्रवेश इस रूप में भी बहुत अच्छा था कि मोदी परिवार ने समस्त सैलाना नगर के सर्वधर्म के लोगों को आमंत्रित किया था और इसी कारण सम्पूर्ण सैलाना में आज बड़ा धर्ममय माहौल था। 

प्रातः 9 बजे पूज्य मुनिवर ने  श्रावक श्राविकाओं के साथ भव्य नगर प्रवेश किया प्रवेश में जगह जगह गुरु वन्दन किया गया। पूर्व विधायक निवास पुराना नगरपालिका पर भी वन्दन अभिनन्दन किया गया जिसमें युवक कोंग्रेस पूर्व अध्यक्ष हनी गेहलोत कांतिलाल काग इरफान सुशील मांडोत ने भी  रास्ते मे गुरुदेव का वन्दन अभिनन्दन किया। पूरे रास्ते आमजन भी पूज्य श्री के दर्शन लाभ ले रहा था। नगर प्रवेश का यह जुलूस वापस सागर वाटिका पहुंचा, जहां पर यह सर्वधर्म सभा में परिवतिर्त हो गया।

सर्वप्रथम मंगलाचरण पूज्य गुरुदेव श्री विश्वरत्न सागरजी महारजासाहब के मुखारबिंद से सुना इसके पश्चात पद्मावती महिला मंडल ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया।  इसके आश्चात सभा को असलम पधान ने सम्बोधित किया और गुरु महिमा पर प्रकाश डाला और कहा कि ये गुरु की महिमा ही है कि आज हमारे सैलाना के कुलदीपक आज हमारे बीच मे संयम धारण कर कर मुनिराज बनकर आये हैं। इसके पश्चात बुरहान लुकमणि ने संबोधन दिया और कहा कि सैलाना नगर के लिए गौरवशाली दिन है उन्होंने बताया कि जैन समाज और बोहरा समाज मे बड़ी समानताएं है। दोनों वर्ग व्यापारी वर्ग में आते है और दोनों वर्गों केंहाथ देने के लिए सदैव तटपर रहते हैं और दोनों धर्म के लोग अपने लोगो को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते है। इसके पश्चात गुरुदेव श्री तीर्थरत्नसागजी महाराज साहेब की प्रवचन हुआ जिन्होंने अपनी वाणी से पूरी धर्मसभा का मन मोह लिया। 

गुरुदेव ने कहा कि आज वर्ष भर में हमारे मुनि देवर्धिरत्न सागरजी का वापस सैलाना आगमन हुआ। उनको भी बड़ा उत्साह था क्योंकि यहां उनकी जननी भी है और यही जन्मभूमि भी है। वहां पहुचने के लिए हमारे मुनिराज आतुर थे और फिर साथ में प पु आचार्य श्री विश्वरत्नसागरजी महाराजा थे। और सैलाना श्रीसंघ ने भी वैसा ही स्वागत किया है तो हमारे मुनिराज का उत्साहवर्धन हुआ है।  पूज्य म.सा. ने त्यागनिर चारित्र पर जोर दिया। कहा कि हमारे मुनिराज ने त्याग किया ओर आज इस मुकाम पर है हमारी नई पीढ़ी तेजी से मोबाइल युग की ओर जा रही है। यह चिंताजनक है। इस बात को कई उदाहरण देकर समझाया।  वर्णखा देवर्धिरत्न सागरजी त्याग और तपस्या की मिसाल है। जीवन में जो हमने किया है, वही वापस लौटकर आएगा। इसलिए जीवन में समय धर्म की ओर भी लगाऐ।

अंत मे उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को मोबाइल से दूर करके धर्म की राह पर बढाइये, आज तो जैन धर्म के कई सिद्धांतो को वैज्ञानिक मान्यता भी मिल चुकीं है। हमारा धर्म प्राचीन होकर भी आधुनिक है। महाराज साहब ने आगे कहा कि आज बच्चों को हर चीज गलत लगती है इसलिए उनमे धर्म के संस्कार बचपन से डालना होंगे। तभी हमारे बच्चे व्यसन से दूर रहेंगे। मुनि श्री की वाणी इतनी ओजस्वी है कि सुनते जाए। बड़े सरल शब्दों में उनकी बात कहने वाले गुरुश्री तीर्थरत्नसागरजी महाराज साहब इसके सैलाना की माटी से निकले श्री देवर्धिरत्न सागर जी महाराजन साहब का प्रवचन हुआ। उन्होंने भी गुरु महिमा बताई और कहा कि परमात्मा को पाना है तो जीवन मे अच्छे गुरु मिलना जरूरी है। आज मझे गुरुदेव का साथ मिला है तो देखिए मैं इस जीवन में आ पाया।

इसके पश्चात नवरत्न परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अरुण कुमार चम्पालालजी ने भी सम्बोधित किया और गुरु महिमा बताई और कहा कि मैं स्वयं रास्ते का कंकड़ था गुरु के हाथ लगतें ही गुरुदेव ने कहां से कहां पहुचा दिया। ऐसे गुरु पाकर मैं धन्य हो गया। आज गुरुदेव का हाथ मेरे सर पर है तो मुझे कोई चिंता नहीं है।कार्यक्रम में  पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष जगदीश पाटीदार, पूर्व पार्षद हेमन्त कुमावत, सकल संघ के वरिष्ठ श्रावक श्राविका और सर्व समाज के व्यक्ति मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत मे आभार मूर्तिपूजक श्री संघ अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र मेहता ने माना और संचालन सौरभ रांका ने किया। कार्यक्रम पश्चात सैलाना के मोदी परिवार ने भी साधु समुदाय आचार्यश्री और श्रीसंघ की ओर से नगर वासियों का आभार माना है।

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Author: MP Headlines

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