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सैलाना के मॉडल स्कूल की बदहाल व्यवस्था पर पूर्व विधायक की नाराजगी

सैलाना। पूर्व विधायक हर्षविजय गेहलोत ने सैलाना के एकलव्य आदर्श हायर सेकंडरी स्कूल की गिरती व्यवस्था पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 1982 में यह स्कूल उनके पिता और प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वर्गीय प्रभुदयाल गेहलोत के प्रयासों से सैलाना को मिला था। अनुसूचित जनजाति वर्ग के शैक्षणिक उत्थान के लिए इसे शासन की विशेष योजना के तहत खोला गया था। लेकिन बीते कुछ वर्षों से सरकारों ने इस पर ध्यान देना बंद कर दिया। नतीजा यह है कि कभी पूरे क्षेत्र की शान रही यह संस्था अब बदहाली का शिकार हो गई है। 

गेहलोत ने कहा कि वे खुद भी इसी स्कूल में पढ़े हैं। इस संस्था ने देश और प्रदेश को कई प्रतिभाएं दी हैं। यहां से पढ़े कई छात्र ऊंचे पदों तक पहुंचे हैं। बीते वर्ष इस स्कूल को केंद्र सरकार के अधीन कर दिया गया। इससे पहले यहां सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू किया गया था। लेकिन इन बदलावों के बावजूद व्यवस्थाएं सुधरने के बजाय और बिगड़ गईं। स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है। परीक्षा परिणाम भी उम्मीद के मुताबिक नहीं आ रहे। 

उन्होंने कहा कि स्कूल में अक्सर विवाद होते रहते हैं। छात्रों को ढंग का खाना नहीं मिलता। अध्ययन सामग्री की भी कमी है। स्टाफ का व्यवहार भी विद्यार्थियों के प्रति सही नहीं है। हाल ही में छात्रावास अधीक्षक की पिटाई से आहत एक छात्र तीन दिन से लापता है। उसकी गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई गई है। स्कूल की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। सैलाना की शान रहे इस स्कूल में अब अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों की पढ़ाई में रुचि खत्म हो रही है। गेहलोत ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि स्कूल की व्यवस्था तुरंत सुधारी जाए और इसकी पुरानी साख बहाल की जाए।

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Author: MP Headlines

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