नवरात्रि विशेष: लकवा पीड़ितो की डाक्टर है भादवा मातारानी, जहां मिलता है स्वास्थ्य लाभ, आरोग्यंधाम

मालवा की वैष्णो देवी के नाम से विख्यात है माँ का धाम

नीमच। नीमच जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित चमत्कारिक भादवामाता लकवा रोगियों को उपचार करने वाली देवी माना जाता है। मंदिर परिसर में स्थित ही बावड़ी के पानी से स्नान व पीने से लकवा, नैत्र रोगी ठीक हो जाते है। रोगी दूसरे के कंधो पर आता जरूर है, लेकिन हंसते-हंसते हुए अपने पैरों से घर जाता है। मां भादवामाता के दरबार में ऐसे रोगियों की संख्या हर रोज 100 से अधिक रहती है। नवरात्रि के दौरान मेले में लाखों भक्त देश के कोने-कोने से दर्शन करने के लिए आते है।

भादवामाता मंदिर को मालवा मेवाड़ का प्रमुख आरोग्य स्थल भी माना जाता है। देवी मां भादवा महारानी मालवा की वैष्णों देवी के नाम से विख्यात हैं। भक्त मालवा की वैष्णोदेवी के नाम से भी जयकारा लगाते है। कार्तिक नवरात्रि पर नौ दिवसीय मेला 22 सितंबर से शुरू हुआ। जिसमें दूर-दराज के लाखों भक्त माता के दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे।

मान्यता है कि मां भादवा के दरबार में आने वाले हर भक्त की मन्नतें पूरी होती है। वहीं भक्तों का कष्ट माता हर लेती है। देश के अलग-अलग शहरों व गांवों से यहां लकवाग्रस्त व नेत्रहीन रोगी आते हैं, जो माँ के मंदिर के सामने ही रात्रि विश्राम करते हैं। मंदिर परिसर में डेरा डाले कई लकवा रोगी ठहरते है। भादवामाता अपने भक्तों की पीड़ा हर लेती हैं। मान्यता यह भी है कि माता रानी मंदिर में फेरा लगाती है और भक्तों को आशीर्वाद देती है और वे रोग मुक्त हो जाते है।

800 साल पुराना इतिहास, भील परिवार करते है पूजा

मंदिर का इतिहास 800 वर्ष पुराना है। इतिहास के अनुसार रूपाजी भील को माताजी का सपना आया था। एक जगह पर खुदाई करने पर माताजी की प्रतिमा निकलीं और उसी प्रतिमां को स्थापित किया गया। पुजारी जगदीश बताते है कि हमारे पूर्वज मातारानी की पूजा अर्चना करते आए है। औसरा पदित से पूजा अर्चना हम पांच परिवार के पुजारी करते है।

मंदिर निर्माण कार्य जारी, 2026 के अंत में बन जाएगा दिव्य मंदिर

भादवामाता मास्टर प्लॉन के तहत मंदिर परिसर में 26 करोड़ स्वीकृत हुए है। उसी के तहत भक्तों को मूलभूत सुविधाएं सहित अन्य विकास कार्य किए जा रहे हैं। वहीं समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर द्वारा दिव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें करीब 5 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। वर्ष 2026 तक मंदिर निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाएगा।

भादवा माता मंदिर

मंदिर की विशेषताएं:-

मंदिर परिसर में एक प्राचीन बावड़ी है, जिसका पानी चमत्कारी माना जाता है। मंदिर में देवी मां के चरणों में चांदी के बकरे व मुर्गे अर्पित किए जाते हैं। मंदिर को प्रसिद्ध आरोग्य स्थल के रूप में जाना जाता है. जहां भक्त अपने रोगों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।

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Author: MP Headlines

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