नगर में शोभायात्रा निकाल कर अहंकारी रावण का किया दहन, फायर ब्रिगेड नदारद

धामनोद। रतलाम जिले के धामनोद नगर में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष नगर के युवाओं व्दारा प्रखंड विद्वान पंडित दशानन्द रावण  का दहन बुराई का प्रतीक के  रूप में किया गया। असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक विजय दशमी पर राक्षसी रूपी महान ज्ञानी पंडित दशानंद रावण का दहन हुआ। 2 अक्टूबर विजयादशमी पर आतिशबाजी कर रावण दहन हुआ। वार्ड क्रमांक 02 के मेला ग्राउंड में कार्यक्रम आयोजित किया गया। सर्वप्रथम श्री राम, लक्ष्मण और हनुमान जी के स्वरूप रथ पर बैठकर शोभायात्रा के रूप में नगर में निकले पश्चात मेला ग्राउंड में शोभा यात्रा का समापन हुआ।

नगर के मेला ग्राउंड पर युवाओं द्वारा 21फीट लंबे रावण बनाया गया। रावण दहन कार्यक्रम के तहत नगर मे रथ में सवार होकर श्री रामजी, लक्ष्मण जी हनुमानजी,वानर  रथ पर विराजमान थे, झांकी (सवारी) नगर के गांधी चौक से आरम्भ हुई जो नगर के प्रमुख मार्ग से होते हुए मेला ग्राउंड पर पहुंची।  दश

दशानन्द रावण अपने अहम अहंकार में अपना सीना ताने खड़े 21 फीट के रावण का दहन श्री रामजी ने को तीर मार कर (छोड़कर )  रावण के अंह को अंततः दहन कर समाप्त रावण दहन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा अजय डिंडोर ,वार्ड क्रमांक 02 पार्षद श्रीमती लीला दुर्गेश पंवार उपस्थित रहे।

मुख्य कार्यक्रम स्थल पर महाआरती व हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ हुआ। धार्मिक आस्था से किए गए पूरे कार्यक्रम की नगर वासियों ने पूरी-पूरी प्रशंसा की

इस अवसर पर धामनोद सहित आसपास गांव के हजारों की तादाद में लोग मेला ग्राउंड देखने पहुंचे। हजारों की संख्या में लोगों की उपस्थिति होने पर धामनोद चौकी प्रभारी आनंद बागवान सहित पूरा दल- बल मेला ग्राउंड में उपस्थित रहे और व्यवस्था में लग रहे।

आयोजनकर्ता नगर परिषद सीएमओ से नाराज, दहन स्थल पर फायर ब्रिगेड नदारद

अहंकारी रावण का दहन विजयादशमी पर संपन्न हुआ। आयोजनकर्ता के पास प्रशासनिक परमिशन होने के बावजूद नगर परिषद सीएमओ ने तानाशाही लगाते हुए कार्यक्रम स्थल पर किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं की और स्वयं भी उपस्थिति नहीं हुई । कार्यक्रम में नगर परिषद की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुली है। आतिशबाजी वाले इस कार्यक्रम व जनसमूह के बीच नगर परिषद अपनी फायर ब्रिगेड लारी भी कार्यक्रम स्थल पर नहीं रख पाई। ऐसे में कोई हादसा घटित हो जाता तो संभवतः जनहानि निश्चित थी। जिससे आयोजनकर्ता सहित आम नागरिकों में आक्रोश है।

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Author: MP Headlines

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