सैलाना में ई-अटेंडेंस के खिलाफ उमड़ा कर्मचारियों का सैलाब: सड़कों पर उतरे सैकड़ों शिक्षक, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

सैलाना ।मध्य प्रदेश शासन द्वारा लागू किए गए ई-अटेंडेंस सिस्टम के विरोध में आज सैलाना तहसील के विभिन्न स्कूलों और संस्थानों के कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में शिक्षक और शिक्षिकाएं सड़कों पर उतर आईं, जिन्होंने ‘इंकलाब जिंदाबाद’, ‘कर्मचारी एकता जिंदाबाद’, ‘ई-अटेंडेंस आदेश वापस लो’ जैसे गगनभेदी नारों से पूरे इलाके को गुंजा दिया।

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें ई-अटेंडेंस सिस्टम को वापस लेना, पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू करना और नियुक्ति की तारीख से ही वरिष्ठता प्रदान करना रही।

प्रदर्शन की शुरुआत मांगलिक भवन से हुई, जहां कर्मचारी नेता डॉ. मुनींद्र दुबे, तेजपाल सिंह राणावत, दिनेश बारोट, नरेंद्र टाक, गोपाल बोरिया, राजीव लवानिया, मनोज यादव, शैतान सिंह जयराज सिंह देवड़ा, डॉ. रविंद्र उपाध्याय, चरण सिंह चौधरी, नरेंद्र सिंह चौहान, जयश्री शर्मा,ज्योति चंडालिया, चरण सिंह यादव, जगदीश परिहार, जैसे प्रमुख व्यक्तियों ने सभा को संबोधित किया।

वक्ताओं ने शासन की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ई-अटेंडेंस सिस्टम ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और स्मार्टफोन की कमी के कारण कर्मचारियों के लिए अनावश्यक बोझ है। उन्होंने ओपीएस की बहाली की मांग को दोहराते हुए कहा कि यह कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है।साथ ही पिंकी यादव का अपाक्स संगठन का जिलाध्यक्ष नियुक्त होने पर रुफ़ीना अल्फ्रेड v कन्या शिक्षा परिसर स्टाफ द्वारा शाल श्री फल से सम्मान किया पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन और आभार प्रदर्शन डॉ. राकेश राज शर्मा ने किया।सभा के बाद प्रदर्शनकारियों ने एक विशाल रैली निकाली, जो मांगलिक भवन से अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) कार्यालय तक पहुंची। रैली में शामिल सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं विभिन्न स्कूलों से आए थे, जिनमें हाई स्कूल संकुल केंद्र गुडभेली, बेड़दा, पीएम श्री कुंडा, अमरगढ़ कन्या एवं बालक हायर सेकेंडरी सरवन, सकरावदा कन्या हायर सेकेंडरी सैलाना, उत्कृष्ट हायर सेकेंडरी सैलाना कन्या परिसर सैलाना, हायर सेकेंडरी भीलों की खेड़ी और बासिन्द्रा हाई सेकेंडरी जैसे संस्थान प्रमुख थे। रैली के दौरान ‘ऐसी क्या मजबूरी है, ई-अटेंडेंस जरूरी है’ जैसे व्यंग्यात्मक नारों से तहसील परिसर गूंज उठा, जो शासन की नीति पर सवाल उठा रहे थे।

सभा के बाद प्रदर्शनकारियों ने एक विशाल रैली निकाली, जो मांगलिक भवन से अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) कार्यालय तक पहुंची। रैली में शामिल सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं विभिन्न स्कूलों से आए थे, जिनमें हाई स्कूल संकुल केंद्र गुडभेली, बेड़दा, पीएम श्री कुंडा, अमरगढ़ कन्या एवं बालक हायर सेकेंडरी सरवन, सकरावदा कन्या हायर सेकेंडरी सैलाना, उत्कृष्ट हायर सेकेंडरी सैलाना कन्या परिसर सैलाना, हायर सेकेंडरी भीलों की खेड़ी और बासिन्द्रा हाई सेकेंडरी जैसे संस्थान प्रमुख थे। रैली के दौरान ‘ऐसी क्या मजबूरी है, ई-अटेंडेंस जरूरी है’ जैसे व्यंग्यात्मक नारों से तहसील परिसर गूंज उठा, जो शासन की नीति पर सवाल उठा रहे थे।एसडीएम कार्यालय पहुंचकर रैली सभा में बदल गई, जहां कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की। अंत में, मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम तरुण जैन को सौंपा गया। ज्ञापन का वाचन दिनेश बारोट ने किया, जिसमें ई-अटेंडेंस सिस्टम की चुनौतियों, जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या, डेटा प्राइवेसी और अतिरिक्त कार्यभार पर विस्तार से चर्चा की गई। ज्ञापन में ओपीएस लागू करने और नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता देने की मांग को भी प्रमुखता से रखा गया। एसडीएम जैन ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए इसे उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

एसडीएम कार्यालय पहुंचकर रैली सभा में बदल गई, जहां कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की। अंत में, मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम तरुण जैन को सौंपा गया। ज्ञापन का वाचन दिनेश बारोट ने किया, जिसमें ई-अटेंडेंस सिस्टम की चुनौतियों, जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या, डेटा प्राइवेसी और अतिरिक्त कार्यभार पर विस्तार से चर्चा की गई। ज्ञापन में ओपीएस लागू करने और नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता देने की मांग को भी प्रमुखता से रखा गया। एसडीएम जैन ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए इसे उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।यह प्रदर्शन मध्य प्रदेश में चल रहे व्यापक असंतोष का हिस्सा है, जहां सरकारी कर्मचारी, खासकर शिक्षा विभाग के कर्मी, ई-अटेंडेंस को अनिवार्य बनाने के फैसले से नाराज हैं। कई संगठनों ने दावा किया है कि यह सिस्टम कर्मचारियों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाता है और ग्रामीण इलाकों में व्यावहारिक नहीं है। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में संपन्न हुआ। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आगे बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

यह प्रदर्शन मध्य प्रदेश में चल रहे व्यापक असंतोष का हिस्सा है, जहां सरकारी कर्मचारी, खासकर शिक्षा विभाग के कर्मी, ई-अटेंडेंस को अनिवार्य बनाने के फैसले से नाराज हैं। कई संगठनों ने दावा किया है कि यह सिस्टम कर्मचारियों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाता है और ग्रामीण इलाकों में व्यावहारिक नहीं है। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में संपन्न हुआ। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आगे बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

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Author: MP Headlines

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