“बीज केवल खेती नहीं, जीवन की परंपरा है।”- धर्मेंद्र सिंह चुंडावत

वाग्धारा संस्था के तत्वाधान में ग्रामीणों ने मनाया रबी बीज उत्सव

सैलाना। सकरावदा समीप स्थित ग्राम आमलिया पाड़ा बीड में 14 अक्टूबर को वाग्धारा संस्था के तत्वावधान में रबी बीज उत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें वाग्धारा टीम के माही मध्यप्रदेश यूनिट लीडर धर्मेंद्र सिंह चुंडावत ने कहा कि “बीज केवल खेती नहीं, जीवन की परंपरा है।” बीज उत्सव के माध्यम से समुदाय को यह संदेश दिया गया कि देशी बीजों को सहेजना, साझा करना और उनसे खेती करना पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक पुनर्जीवन और कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

युवा उद्यम समन्वयक महेंद्र कुमावत ने बताया कि आज लगभग 70% बीज बाहरी बाजारों पर निर्भर हैं, जिससे किसान की पारंपरिक बीज संस्कृति कमजोर हो रही है। ऐसे समय में देशी बीजों का संरक्षण जरूरी है, जो स्थानीय जलवायु, मिट्टी और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं तथा कम लागत में बेहतर उपज देते हैं।

ब्लॉक सहजकर्ता पिंकी टेलर ने कार्यक्रम में बीज चयन, संरक्षण और भंडारण के पारंपरिक तरीकों — जैसे छाया में सुखाना, नीम पत्ती या राख मिलाकर सुरक्षित रखना, तथा सामूहिक बीज भंडार बनाना — की जानकारी दी गई।

अंत में प्रतिभागियों ने सामूहिक प्रतिज्ञा ली —वाग्धारा संस्था का यह प्रयास खेती को सशक्त बनाते हुए, पर्यावरण और संस्कृति के संरक्षण का संदेश देता है। हम हर साल कम से कम 3–4 देशी बीज अवश्य बोएँगे, सहेजेंगे और अपने साथी किसानों से साझा करेंगे।”

कार्यक्रम में वाग्धारा टीम से कांतिलाल गेहलोत, अमृतराम परिहार, दिव्या शर्मा, राकेश पारगी,मनोज डामर तथा लक्ष्मण हारी, बद्रीलाल, ईश्वरलाल हारी, फूल कुंवर, कृष्णा बाई, नर्मदा बाई आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।

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Author: MP Headlines

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