रतलाम/सैलाना। मध्य प्रदेश की न्यायिक सेवा भर्ती प्रक्रिया पर अब सियासी और सामाजिक तूफान खड़ा हो गया है। भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने आज महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल के नाम से एक विस्तृत आवेदन (क्रमांक 471/VIP/2025) राज्यपाल भवन को सौंपा है। इस आवेदन में मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा (MPCJ) 2022 के परिणामों को संविधान के अनुच्छेद 15(4) एवं 16(4) की प्रत्यक्ष अवमानना बताते हुए आदिवासी वर्ग (अनुसूचित जनजाति – ST) के प्रति व्यवस्थित भेदभाव का आरोप लगाया गया है।
विधायक डोडियार ने स्पष्ट किया कि यह आवेदन आदिवासी समुदाय के हित में आदरणीय मंगू भाई पटेल जी के नाम से प्रस्तुत किया गया है, जो राज्य के आदिवासी समाज की पीड़ा को व्यक्त करता है।
आवेदन में दावा किया गया है कि बैकलॉग सहित 121 आरक्षित पदों पर एक भी आदिवासी अभ्यर्थी का चयन न होने से सामाजिक न्याय की संवैधानिक नींव हिल गई है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा आयोजित इस परीक्षा के परिणाम हाल ही में घोषित हुए, जिसने आदिवासी युवाओं में व्यापक असंतोष पैदा कर दिया है। विधायक डोडियार ने कहा, “यह केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि पीढ़ीगत अन्याय का प्रतीक है। राज्यपाल महोदय से अपील है कि वे संवैधानिक संरक्षक के रूप में तत्काल हस्तक्षेप करें।
परीक्षा प्रक्रिया का काला अध्याय: प्रारंभिक से साक्षात्कार तक ‘जीरो सिलेक्शन
MPCJ 2022 की प्रारंभिक परीक्षा में आदिवासी वर्ग के 94 अभ्यर्थी सफलतापूर्वक चयनित हुए थे। इनमें से लगभग इतनी ही संख्या ने मुख्य परीक्षा दी, लेकिन साक्षात्कार चरण में एक भी उम्मीदवार को योग्य घोषित नहीं किया गया। आवेदन में इस ‘शून्य चयन’ को परीक्षा प्रक्रिया की खामियों का प्रमाण बताया गया है।
विधायक डोडियार ने पूर्व वर्षों के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा:
MPCJ 2019: आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 88 पदों में केवल 7 अभ्यर्थियों का चयन हुआ।
MPCJ 2021: बैकलॉग सहित 114 पदों में मात्र 5 अभ्यर्थियों की सफलता मिली।
मध्य प्रदेश में आदिवासी जनसंख्या लगभग 2 करोड़ (कुल आबादी का 21%) होने के बावजूद न्यायिक सेवा में चयन की दर न्यूनतम या शून्य रहना, समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये को उजागर करता है।
आवेदन में उल्लेख है, “आदिवासी युवक-युवतियां आईएएस, आईपीएस, प्रोफेसरशिप जैसी प्रतिष्ठित सेवाओं में निरंतर सफल हो रही हैं, लेकिन न्यायाधीश पद पर पहुंच अत्यंत सीमित है। यह परीक्षा प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
उच्च न्यायालय द्वारा परीक्षा आयोजित होने के बाद से आदिवासी चयन में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। आरोप है कि अनारक्षित वर्ग के समान कठोर अंक मानदंड थोपना और साक्षात्कार में “नॉट फाउंड स्टैंडिंग” जैसे व्यक्तिपरक आधारों पर कम अंक देकर अभ्यर्थियों को बाहर करना, समान अवसर की भावना का उल्लंघन है।
संवैधानिक अवमानना: अनुच्छेद 15(4) और 16(4) का हनन
आवेदन का मूल बिंदु संविधान के अनुच्छेद 15(4) (पिछड़े वर्गों के लिए शैक्षिक आरक्षण) और 16(4) (सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण) की अवहेलना है। विधायक डोडियार ने इसे “संवैधानिक भावना के प्रतिकूल” करार देते हुए कहा कि यह भेदभावपूर्ण प्रक्रिया आदिवासी समुदाय को न्यायपालिका से वंचित रख रही है। “न्यायिक सेवा में आदिवासी प्रतिनिधित्व की कमी राज्य की विविधता को कमजोर करती है और सामाजिक न्याय को धक्का पहुंचाती है,” उन्होंने जोर दिया।
यह मुद्दा विधायक डोडियार के पूर्व कार्यों से जुड़ता है। जनवरी 2025 में उन्होंने फर्जी दस्तावेजों से एसटी कोटा में डिप्टी कलेक्टर बनने के मामले में जांच की मांग की थी। इसी तरह, जुलाई 2024 में उन्होंने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को जनहित से जुड़े एक पत्र में आदिवासी मुद्दों पर हस्तक्षेप की अपील की थी। मार्च 2025 में डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए अनशन करने वाले डोडियार आदिवासी अधिकारों के प्रखर पैरोकार के रूप में जाने जाते हैं।
मांगें: तत्काल भर्ती, जांच और सुधार के निर्देश
राज्यपाल से निम्नलिखित ठोस मांगें की गई हैं:
- रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती: आदिवासी वर्ग के शेष न्यायिक पदों पर नियमों में शिथिलता कर विशेष भर्ती प्रक्रिया शुरू करना।
- उच्च स्तरीय जांच: MPCJ परीक्षा में आदिवासी अभ्यर्थियों के साथ संभावित भेदभाव की स्वतंत्र जांच समिति गठित करना।
- सुधारात्मक कदम: साक्षात्कार मूल्यांकन में पारदर्शिता लाना, आरक्षण नीतियों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना।
- निर्देश जारी: न्यायिक सेवा भर्ती में समान अवसर और सामाजिक न्याय के संवैधानिक प्रावधानों का पूर्ण अनुपालन कराने के लिए उच्च न्यायालय को निर्देश देना।
विधायक ने अनुरोध किया है कि तत्काल कार्यवाही हो और की गई कार्रवाई की जानकारी उपलब्ध कराई जाए। विधायक डोडियार ने कहा, “यदि आवश्यक हुआ, तो हम विधानसभा से सड़क तक इस लड़ाई को ले जाएंगे। आदिवासी हक की रक्षा हर हाल में होगी।”
Author: MP Headlines


















