सैलाना। भारतीय ज्ञान परंपरा की विश्व को जरूरत थी, है और रहेगी ।भारत को विश्व गुरु का दर्जा प्राप्त था और वह पुनः विश्व गुरु बनने की राह पर है। उक्त उद्बोधन दो दिवसीय भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्राचार्य डॉ.एस.सी. जैन ने दिया।
प्रकोष्ठ प्रभारी प्रोफेसर आशा राजपुरोहित ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम दिवस पोस्टर, भाषण प्रतियोगिता एवं द्वितीय दिवस भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित प्रश्न मंच, समूह एवं एकल लोकनृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। इस आयोजन में प्रो. भूपेंद्र मंडलोई, रक्षा यादव डॉ. मोनिका आमरे, डॉ. हेमलता बामनिया, डॉ.कल्पना जयपाल का सहयोग रहा। कार्यक्रम में सभी प्राध्यापकगण बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।