सैलाना। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 10 जुलाई को प्रदेशव्यापी साइकिल वितरण योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत 15 लाख से ज्यादा छात्रों को साइकिलें दी जानी हैं। लेकिन सैलाना विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में अब तक साइकिल वितरण शुरू नहीं हुआ है। इससे छात्र और अभिभावक नाराज हैं।
पूर्व विधायक हर्षविजय गेहलोत ने बताया कि सायकल वितरण में देरी की वजह प्रशासनिक लापरवाही, आपूर्ति में बाधा और वितरण प्रक्रिया में सुस्ती है। कई स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने बताया कि छात्रों का सत्यापन शिक्षा पोर्टल पर हो चुका है। फिर भी न साइकिलें पहुंचीं, न ही ₹2400 की राशि छात्रों के खातों में आई। गेहलोत ने बताया की बीते वर्षों में कई जिलों में जंग लगी, पंक्चर और टूटी चेन वाली साइकिलें बांटी गई थीं। ऐसी ही आशंका अब सैलाना में भी है। जानकारी मिली है कि कई साइकिलें लंबे समय से गोदामों में पड़ी हैं। इससे उनके खराब होने का खतरा बढ़ गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने हाल ही में सभी जिलों को निर्देश दिए थे कि साइकिलों की गुणवत्ता से समझौता न हो। लेकिन जमीनी हालात इन निर्देशों के पालन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अक्टूबर 2024 में राज्य के कई हिस्सों में खराब साइकिलें बांटे जाने की शिकायतें दर्ज हुई थीं। तब अधिकारियों ने दोषपूर्ण साइकिलें बदलने का भरोसा दिया था। अगर सैलाना में भी वैसी ही स्थिति बनती है, तो यह साफ होगा कि पिछली गलतियों से कोई सबक नहीं लिया गया।
स्थानीय सामाजिक संगठनों और अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि वितरण प्रक्रिया पारदर्शी हो। देरी के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई हो। छात्रों को जल्द अच्छी गुणवत्ता की साइकिलें दी जाएं।

Author: MP Headlines



