रतलाम में होने वाला करणी सेना का आंदोलन हुआ निरस्त, आंदोलन की घोषणा के बाद हरकत में आया प्रशासन, करणी सेना प्रमुख व प्रशासन के बीच हुई चर्चा, कई मांगे हो चुकी है पुरी

रतलाम। रतलाम में 31 अक्टुबर 2025 को आयोजित होने वाला करणी सेना परिवार का बड़ा आंदोलन स्थगित हो गया है। 30 अक्टूबर गुरुवार शाम को संगठन के मुखिया जीवन सिंह शेरपुर और जिला प्रशासन, पुलिस के अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद इसकी घोषणा की गई है। करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने 31 अक्टूबर को रतलाम में आंदोलन के लिए आव्हान किया था। सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर करणी सेना के पदाधिकारियों ने प्रशासन की तानाशाही और निष्क्रियता के खिलाफ दोपहर 12:15 बजे कलेक्टोरेट पहुंचने का आह्वान किया था। आंदोलन में रतलाम जिले के साथ ही मंदसौर, नीमच, उज्जैन, धार और इंदौर जिलों से समर्थकों के आने की संभावना थी।

आज गुरुवार को करणी सेना परिवार प्रमुख जीवनसिंह शेरपुर, यादवेंद्र सिंह तोमर आदि सहित एक प्रतिनिधि मंडल रतलाम पुराने पुलिस कंट्रोल रूम पंहुचा। प्रतिनिधि मंडल की मौजूदगी में जीवन सिंह के साथ प्रशासनिक दल ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रमुख मांगे पहले ही पूरी हो चुकी हैं, ऐसे में आंदोलन को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। कंट्रोल रूम में एडीएम शालिनी श्रीवास्तव, एएसपी ग्रामीण विवेकलाल, सीएसपी जावरा, सीएसपी रतलाम सत्येंद्र घनघोरिया, एसडीएम आर्ची हरित, एसडीओपी किशोर पाटनवाला, डीएसपी अजय सारवान आदि मौजूद रहे।

आंदोलन की प्रमुख मांगे

प्रमुख मांगों में कंजर समुदाय के आतंक को समाप्त करने के साथ ही चोरियों में शामिल दलालों पर भी कार्रवाई करना था। पुलिस प्रशासन द्वारा लसुडिया नाथी में नाबालिग बालिका को नहीं ढूढ़ पाने, आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने, धारा 84 एवं 85 बीएनएसएस के अंतर्गत चल-अचल संपत्ति अटैच करने, आदिवासी युवती के अपहरण के बाद अब तक कोई ठोस सुराग न मिल पाने जैसी मांगे शामिल थीं।

पुलिस ने आंदोलन के पहले नाबालिग का लगाया पता, दलालों पर भी कसा शिकंजा

आंदोलन की घोषणा होने के बाद ही पुलिस ने कालूखेड़ा थाना क्षेत्र से गायब हुई नाबालिग का पता लगाकर उत्तर प्रदेश से उसे लौटा कर लाने में भी सफलता हासिल कर ली। पुलिस ने उसे परिजनों को सौंप दिया है। दूसरी ओर आलोट पुलिस ने कंजरों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया से कुछ संदिग्ध दलालों के नाम और नंबर निकालकर उनपर कार्रवाई भी शुरु की है।

पूर्व की घटनाओं के चलते प्रशासन था सतर्क

प्रशासन और पुलिस दोनों ने सुरक्षा के मद्देनजर तैयारी शुरू कर दी गई थी। प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है। उल्लेखनीय है कि करणी सेना परिवार बीते कुछ महीनों से मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में बड़े आंदोलन किए हैं। संगठन ने इससे पहले हरदा, मंदसौर और इंदौर में प्रदर्शन किए थे।

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Author: MP Headlines

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