सैलाना। विधायक कमलेश्वर डोडियार ने बताया कि कलेक्टर ऑफिस पर ज्ञापन रैली को लेकर कलेक्टर महोदय द्वारा धारा 163 के तहत दिए गए एकपक्षीय आदेश को निरस्त करने के लिए संविधान की धारा 19, सुप्रीम कोर्ट के आंदोलन संबंधी फ़ैसले और सामान्य प्रशासन विभाग के शासन आदेश का अवलोकन करने, पढ़ने और समझने की सलाह दी। साथ ही तत्काल प्रभाव से एकपक्षीय आदेश निरस्त करने के लिए यह कहते हुए पक्ष रखा कि ज़िले के आदिवासी समाज सहित संपूर्ण बहु जन समाज के साथ अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे अन्याय की शिकायत प्रस्तुत करने के अवसर से वंचित किया जा रहा है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 में भारत के संविधान की आधारशिलाओं में से एक, अपने भारत के प्रत्येक नागरिकों को दो बहुमूल्य अधिकार प्रदान किये गये है जिसमें अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और अनुच्छेद 19 (1) (बी) के तहत बिना हथियारों के शांती पूर्वक एकत्र होने का अधिकार प्रदान किया गया है। यह अधिकार, एक जुटता में, प्रत्येक नागरिक को शांती पूर्वक एकत्रित होने और राज्य की कार्यवाही या निष्क्रियता के खिलाफ विरोध करने में प्रत्येक भारतीय नागरिक को सक्षम बनाते है। लेकिन आपके द्वारा बिना किसी सुनवाई के दिनांक 06.12.2024 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत विभिन्न दलों, संघों, समूहों द्वारा अपनी समस्याओं एवं मांगों को लेकर आये दिन कलेक्टर रतलाम एवं कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला रतलाम परिक्षेत्र में जलूस धरना प्रदर्शन एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर “कार्यालय कलेक्टर जिला रतलाम एवं कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला रतलाम परिक्षेत्र एवं उसके बाहर 100 मीटर की परिधि में कोई भी दल, संघ, संगठन अथवा समूह अपनी समस्याओं एवं मांगों को लेकर सभा, धरना एवं प्रदर्शन नहीं करेगा और न ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर उपयोग करेगा।” उक्त मनमाना एवं भारतीय संविधान के प्रावधानों के विपरीत आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (2) के अंतर्गत एकपक्षीय रूप से पारित किया जाकर जिला रतलाम के प्रत्येक नागरिक के भारत के संविधान में प्रदत्त अनुच्छेद 19 (1) (ए) एवं 19 (1) (बी) के तहत प्रदत्त उसके बोलने, भाषण देने, एकत्रित होने के अधिकार को ही समाप्त कर पूर्णतः असंवैधानिक आदेश पारित किया गया है जिसमें आपके द्वारा भारत निर्वाचन आयोग से पंजीकृत राजनैतिक बल, राष्ट्रीय पार्टी, क्षेत्रीय पार्टी, अन्य पंजीकृत राजनैतिक दलों एवं अन्य दलों संघो एवं समूहों से कोई भी सुझाव एवं आपत्ति प्रस्तुत करने हेतु कोई सूचना भी जारी नहीं की गई और न ही स्थानीय जिला रतलाम के जनप्रतिनिधियों, सांसद, विधायक से भी कोई सुझाव एवं आपत्ति नहीं मांगी गई और एकपक्षीय मगमाना आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (2) के अंतर्गत पारित किया गया है जो कि पूर्णत विधि के प्रावधानों एवं न्याय के नैसर्गिक सिद्धांतों के विपरीत भी है क्योंकि आपनों द्वारा उक्त संबंध में कोई स्पीकिंग आदेश भी पारित नहीं किया गया है। जबकि इस संबंध में विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक-एफ-11-47/2017/1/9 भोपाल दिनांक 01.12.2017 (प्रत्येक प्रशासकीय अर्थग्यायिक मामलों में आदेश पारित किये जाने के संबंध में) दिये गये है।
यह भी उल्लेखनीय है कि जिला रतलाम में लगभग ४० प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति एवं अन्य अनुसूचित जाति के भारतीय नागरिक निवासरत है जिनके साथ आये दिन जिला प्रशासन रतलाम एवं पुलिस प्रशासन रतलाम में बैठे प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रताड़ना दी जाती है एवं परेशान किया जाता है एवं अभद्र व्ययाहार के साथ गंदी-गंदी मां बहन की गालियां एवं जाति सूचक गालियां भी दी जाती है तथा पूरे जिला रतलाम में प्रत्येक शासकीय कार्यालय में बिना घूस खोरी एवं कमीशन खोरी के कोई काम आम आदमी का नहीं होता है इसलिये विभिन्न भारतीय नागरिकों द्वारा अपने हित अधिकारों की रक्षा के लिये विभिन्न समूह, संगन एवं राजनैतिक दल बनाये गये है जो कि प्रत्येक भारतीय नागरिक के अधिकारों की रक्षा के लिये पूर्णतः शांतीपूर्ण ढंग से बिना हथियारों से अपनी जायज मांगों के लिये कलेक्टर कार्यालय एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं क्योंकि उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है इसलिये यह शांतीपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन देकर 01 से 02 घंटे में वापस चले जाते है ऐसी स्थिति में भारतीय नागरिकों के शांतीपूर्ण समूह संघ, संघठन एवं राजनैतिक दलों को शांतीपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किये जाने से आपके द्वारा उक्त आदेश दिनांक 08.12.2004 से रोका जाना पूर्णतः अनुचित आदेश किया है जो ‘अंग्रेजों के काले कानून को याद दिलाता है जबकि वर्तमान में भारत को आजाद हुए 78 वर्ष हो गये है लेकिन भारतीय नागरिकों पर आज भी अत्कचार करने एवं उन्हें गैर कानूनी एवं असंवैधानिक आदेशों से रोकने का प्रयास निरंतर रूप से किया जा रहा है जिससे कि भारतीय संविधान की हत्या हो रही है और लोकतंत्र में भारतीय नागरिकों की आवाज को दबाने का मनमाना प्रयास सत्ताधारी पार्टी को इशारे पर किया जा रहा है जो कि पूर्णतः अनुचित एवं असंवैधानिक है।
सर्वोच्च न्यायालय एवं विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा समय-समय पर निसार 3 भारत के प्रायेक नागरिक के संविधान में अनुच्छेद 19 (१)(२) एवं 10 (1) में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा के लिये महत्वपूर्ण निर्णय एवं आदेश पारित किये गये है जिनका आपको अवलोकन करना एवं उन पर संज्ञान लेना व्यावहित में एवं भारत के संविधान में प्रत्येक नागरिकों की जाा हेतु आवश्यक है जिसका विवरण निम्नानुसार है-

1. माननीय सर्वोच्य न्यायालय नई दिल्ली के आदेश रामलीला मैदान घटना बनाम गृह सचिव, भारत संघ (2012) 5 एस.सी.सी.01।
2. माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के आदेश मजदूर किसान शक्ति संगठন জবান भारत संघ (2018) 2017 एस.सी.सी. 324।
2. माननीय सर्वेभ्य न्यायालय नई दिल्ली के आदेश अनित सहानी बनाम पुलिस आयुक्त एवं अन्य (2020) 10 एच.सी.सी 430।
4. माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के आदेश अनिता ठाकुर बनाम जम्मू कश्मीर राज्य (2006) 15 एस.सी.सी. 525।
इसके अतिरिक्त भी कई आदेश विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा समय-समय पर भारत के प्रत्येक नागरिक के भारत के संविधान में प्रदाता अनुच्छेद 10 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों की रक्षा के संबंध में दिये गये है जिसकी जानकारी आप अपने विधि शाखा/लेटीगेशन शाखा अपने जिले में पदस्थ जिला अभियोजन अधिकारी अथवा पुलिस मुख्यालय भोपाल अथवा प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी कार्य विभाग से प्राप्त कर सकते है।
उल्लेखनीय है कि आपके द्वारा जो आदेश दिनांक 06.12. 2024 को भारतीय नागरिक सुख्या संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रस्तुत किया है, आदेश से में एवं मेरी सम्पूर्ण विधानसभा क्षेत्र सैलाना के नागरिकों सहित जिला रतलाम के सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिये मैं आपके समक्ष आपके द्वारा पारित किये गये आदेश को तत्काल निरस्त करने के लिये भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (5) के अंतर्गत एक भारतीय नागरिक मतदाता एवं विधायक 221 सैलाना की हैसियत से प्रस्तुत कर रहा हूं। उसे तत्काल सुनवाई में लिया जाकर एवं नैसर्गिक न्याय सिद्धांत अनुसार मुझे पर्याप्त सुनवाई का अवसर दिया जाकर आपके द्वारा जारी किये गये आदेश दिनांक 06.12.2024 को जारी एकपक्षीय आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिता 2023 की धारा 163(2) को अंतर्गत पारित आदेश को दल का लोकहित में एवं भारत के संविधान की रक्षा हेतु निरस्त किये जाने के आदेश जारी करने की मांग की है।

Author: MP Headlines



