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तालाब कहीं बना नहीं तो कहीं बनते ही पहली बारिश में बह गया

विधानसभा में विधायक डोडियार ने आरईएस द्वारा बनाए सिंचाई तालाब निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को किया उजागर

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में झोपड़ी वाले विधायक के नाम से पहचाने जाने वाले कमलेश्वर डोडियार ने अपने विधानसभा क्षेत्र में बनाए गए सिंचाई तालाबों में व्यापक भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का पर्दाफाश किया है।

विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि वर्ष 2018 से 2025 तक कुल 240 तालाबों का निर्माण किया गया है, जबकि 139 तालाबों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

विधायक डोडियार ने आरोप लगाया कि इन तालाबों के निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग कर योजनाओं को केवल कागजों तक सीमित कर दिया गया है, जिससे क्षेत्र के किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से ग्राम पंचायत उमर के फेफरिया नाला पर ₹87.43 लाख की लागत से बने तालाब का उल्लेख किया, जहाँ निर्धारित लंबाई से कम पाल बनाई गई तथा काली मिट्टी की जगह मोहर्रम मिट्टी का उपयोग किया गया, जिससे यह तालाब कभी भी फूट सकता है। इसके अलावा ग्राम पंचायत उमर में ही वन भूमि पर ₹14.76 लाख की लागत से बने तालाब में भी यही अनियमितता देखी गई है। तालाब की नींव में उपयुक्त सामग्री के स्थान पर मोहर्रम मिट्टी डाली गई, जिससे पानी टिक नहीं रहा है।

ग्राम पंचायत सिंगत में वर्ष 2023-24 में बहेड़ा नाले पर ₹14.36 लाख से बना तालाब पहली ही बारिश में बह गया इस पर जिम्मेदार अधिकारी चुप है। कारण वही पाल में काली मिट्टी के स्थान पर मोहर्रम मिट्टी और बड़े-बड़े पत्थरों का गलत उपयोग जिससे तालाब पहली बारिश में ही बह गया है।

इसी प्रकार क्षेत्र के कई अन्य तालाब भी इसी तरह की लापरवाही और भ्रष्ट निर्माण तकनीकों से बनाए गए हैं, जिनमें बारिश में टूटने और जलसंग्रह न हो पाने की गंभीर आशंका बनी हुई है। यह सीधे तौर पर क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों के अधिकारों का हनन है।

विधायक डोडियार ने यह भी आरोप लगाया कि इन कार्यों में अधिकारियों, सरपंचों, सचिवों और सहायक सचिवों की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया है।

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Author: MP Headlines

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