नगर में निकलें जलझूलनी (डोलग्यारस) पर झूले, अखाडो के पहलवानों ने दिखाये करतब

सैलाना। नगर में बरसते पानी में पारंपरिक  जलझूलनी डोल ग्यारस पर नगर के विभिन्न मंदिरों से बुधवार  को देवझूलनी डोल ग्यारस पर भगवान के झूले निकले। नगर के(करीब चौदह) सभी मंदिर के झूले दोपहर बाद महलवाड़ा में एकत्रित हुऐ,  यहां महलवाड़ा में राजा विक्रम सिंह राठौर परिवार द्वारा सभी डोल में विराजे भगवान की पूजा अर्चना कर भेट चड़ाई गई।  बाद डोल झूले नगर भ्रमण करते हुए, नगर की बावड़ी व विक्टोरिया तालाब पहुंचें, नगर की धर्म प्रेमी जनता ने नगर से निकलने वाले डोल के दर्शन किये।

बावड़ी एवं विक्टोरिया तालाब पर यहा नगर के सभी मंदिरों के डोल में विराजमान भगवान की पूजा अर्चना कर आरती स्वंय पुजारियों द्वारा की गई, एवं प्रसादी वितरण की गई तत्पश्चात झूलों को ठंडा किया गया। जल झूलनी ग्यारस एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है, जो भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ा है। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और झूले में झुलाने के साथ मनाया जाता है।

देव जलझूलनी एकादशी पर प्रति वर्षाअनुसार इस वर्ष भी जय बलवीर बालाजी व्यायाम शाला (एकता क्लब) भाई मोहल्ला, एवं वीर बालाजी व्यायाम शाला भीलों की खेड़ी द्वारा बरसते पानी में नगर में अखाडा निकला गया,जिसमे नगर के मुख्य चौराहे चौराहे पर अखाड़े के उस्तादों द्वारा कलाकृति का प्रदर्शन किया गया। जिसे नगर की जनता ने खूब सहारा ।

*जल झूलनी ग्यारस का संदेश*
जल झूलनी ग्यारस का संदेश प्रेम, भक्ति और आनंद है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाने और प्रेम और आनंद का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है। दोपहर बाद से ही सैलाना पुलिस थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह गडरिया एवं उनकी टीम द्वारा यातायात कि व्यवस्था में लगे रहे।

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Author: MP Headlines

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