आर्य समाज के चार दिवसीय कार्यक्रम में आचार्य योगेश दत्त ने समझाया सनातन का महत्व

सैलाना। नगर में आर्य समाज के तत्वाधान में चल रहे चार दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन आचार्य योगेश दत्त ने सनातन की परिभाषा और महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि सनातन वह है जो पहले था, अब भी है, और आगे भी रहेगा।

सनातन की परिभाषा
आचार्य योगेश दत्त ने अपने प्रवचन में बताया कि सनातन की परिभाषा में ईश्वर, जीवात्मा, और मूल प्रकृति की अनंतता शामिल है। उन्होंने कहा कि परमात्मा का वेद ज्ञान सृष्टि के आरंभ में था, आज भी है, और आगे भी रहेगा।

धर्म के लक्षण
आचार्य जी ने महर्षि मनु द्वारा लिखित पहले संविधान में धर्म की व्याख्या का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि धृति, क्षमा, दम, अस्तेय, शोच, इंद्रीनिग्रह, धी विद्या सत्य और अक्रोध धर्म के 10 लक्षण हैं।

कार्यक्रम का आयोजन
आर्य समाज सैलाना द्वारा आयोजित इस चार दिवसीय कार्यक्रम में आचार्य योगेश दत्त के प्रवचन से लोगों को सनातन धर्म के महत्व और मूल्यों के बारे में जानने का अवसर मिला। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने आचार्य जी के प्रवचन से प्रेरणा ली और धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम के अंत में वार्ड नंबर 12 की पार्षद आशा कसेरा के प्रतिनिधि किशोर कसेरा द्वारा आभार व्यक्त किया। और प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। जिन्होंने आचार्य जी के प्रवचन का लाभ उठाया।

MP Headlines
Author: MP Headlines

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp