सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने रतलाम पुलिस अधीक्षक को सौंपा आवेदन: सोयाबीन कटाई के दौरान मजदूरों-किसानों पर चालानी कार्रवाई रोकने की मांग

सैलाना। रतलाम जिले में सोयाबीन की कटाई का सीजन जोरों पर है, लेकिन इस बीच किसान और मजदूर वर्ग पुलिस की सख्त चेकिंग और चालानी कार्रवाई से बुरी तरह परेशान हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के मजदूर दिन-रात खेतों में पसीना बहाकर कमाई कर रहे हैं, लेकिन थानों और चौराहों पर हो रही चालानी कार्रवाई ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इस मुद्दे को उठाते हुए सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने आज पुलिस अधीक्षक (एसपी) को एक औपचारिक आवेदन सौंपा है, जिसमें फसल कटाई पूरी होने तक हर थाने और चौराहे पर मजदूरों-किसानों के खिलाफ चल रही कार्रवाई तत्काल रोकने की मांग की गई है।

अतिवृष्टि से तबाह फसलें, अब चालान का बोझ

रतलाम जिले में इस वर्ष अतिवृष्टि और पीले मोजेक रोग के कारण सोयाबीन की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। किसान पहले ही कर्ज के बोझ तले दबे हैं, और उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। ऐसे में आदिवासी मजदूर परिवार के पालन-पोषण के लिए बाहर जाकर दिन-दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर हैं। विधायक डोडियार ने आवेदन में बताया कि मजदूर 300-400 रुपये कमाकर घर लौटते समय पुलिस चेकिंग में 500 से 1,000 रुपये तक का चालान वसूला जा रहा है, जो उनकी मजदूरी से भी ज्यादा है। इससे कई मजदूर दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे हैं।

“किसान और मजदूर हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। अतिवृष्टि ने उनकी कमर तोड़ दी, ऊपर से यह चालानी कार्रवाई उन्हें पूरी तरह बर्बाद कर रही है। जिले के हर थाने पर यह सिलसिला चल रहा है, जिससे लोग बेहद परेशान हैं,” विधायक डोडियार ने आवेदन में लिखा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा नेताओं और उद्योगपतियों की गाड़ियों को कभी नहीं रोका जाता या चालान नहीं काटा जाता, जबकि सिर्फ मजदूर वर्ग को ही निशाना बनाया जा रहा है। यह भेदभावपूर्ण व्यवहार न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी ठेस पहुंचा रहा है।

जिला स्तर पर बढ़ रही चिंता: यातायात अभियान में 10 लाख से ज्यादा वसूली

रतलाम पुलिस द्वारा 8 से 22 सितंबर तक चलाए जा रहे 15 दिवसीय यातायात सड़क सुरक्षा अभियान के तहत अब तक 2,684 चालान काटे जा चुके हैं, और 10 लाख 92,200 रुपये शमन शुल्क वसूला गया है। यह आंकड़े एसपी रतलाम के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से लिए गए हैं। हालांकि, अभियान का उद्देश्य सड़क सुरक्षा है, लेकिन विधायक का कहना है कि फसल कटाई के इस व्यस्त समय में मजदूरों की पुरानी या बिना फिटनेस वाली गाड़ियों पर सख्ती ने उनकी आजीविका को खतरे में डाल दिया है। जिले में हाल ही में अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव भी किया था, जहां मुआवजे और फसल बीमा की मांग की गई थी।

विधायक की मांग: तत्काल कार्रवाई और मजदूर हित में सूचना

आवेदन में एसपी से मांग की गई है कि फसल कटाई पूरी होने तक (अक्टूबर मध्य तक अनुमानित) चालानी कार्रवाई स्थगित की जाए। साथ ही, अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा कर मजदूरों के हित में राहत प्रदान की जाए। विधायक डोडियार ने कहा, “मैंने व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को एसपी महोदय के समक्ष रखा है। उम्मीद है कि तत्काल कार्रवाई होगी और प्रभावित मजदूरों-किसानों को न्याय मिलेगा।” उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर तुरंत ध्यान दिया जाए, ताकि आदिवासी क्षेत्र के लोग और अधिक कष्ट न झेलें।

क्या कहते हैं स्थानीय किसान-मजदूर?

जिले के सैलाना, आलोट और बड़ावदा क्षेत्रों से जुड़े किसान संगठनों ने विधायक के इस कदम का स्वागत किया है। एक स्थानीय मजदूर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हम तो बस परिवार का पेट पालने के लिए काम करते हैं। चेकिंग में गाड़ी रोक ली जाती है और पूरा पैसा वसूल लिया जाता है। फसल भी बर्बाद, ऊपर से यह। विधायक ने आवाज उठाई, तो उम्मीद बंधी है।”

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Author: MP Headlines

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