रतलाम 19 अगस्त 2024। रतलाम शहर में आज भी कुछ परिवार ऐसे है जो पीढ़ी दर पीढ़ी कितने भी बड़े हो जाए पर सुख और दुख में आज भी एक साथ खड़े हो जाते हैं। उसमें से ही एक है सूरज बैन लखमीचंद जी लूनिया परिवार जो आज भी हर त्यौहार संयुक्त रूप से मनाता हैं।
राज लूनिया ने बताया कि आज की इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में जहां बड़े परिवार अपना अस्तित्व खोते जारहे है वहा रक्षाबंधन ही एक ऐसा त्यौहार है जिसमे राखी की डोर पूरे परिवार को एक साथ ले आती है। रक्षाबंधन के इस पावन त्यौहार पर जब बहने अपने भाईयों से मिलने के लिए दूर-दूर से आती है तो भाइयों का भी कर्त्तव्य होता है कि संयुक्त रूप से राखी मना कर राखी के इस पावन त्यौहार को सफल बनाए।

Author: MP Headlines



