MP Headlines

संसार में जो भी व्यवस्था है! तो उसके पीछे कोई उसका व्यवस्थापक भी है- आचार्य आनंद पुरूषार्थी जी

रतलाम/सैलाना/धामनोद। आर्य समाज धामनोद व सैलाना के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित चार दिवसीय वेद कथा कार्यक्रम का शुभारंभ यज्ञ के साथ हुआ जिसमें  वैदिक प्रवक्ता के रूप में नर्मदापुरम से पधारे अन्तर्राष्ट्रीय मूर्धन्य वैदिक विद्वान् आचार्य आनन्द जी पुरुषार्थी  जी ने बताया कि परमात्मा की व्यवस्था में सूर्य, चंद्रमा, ग्रह, नक्षत्र, दिन, रात,ऋतु परिवर्तन इत्यादि सभी नियमित व व्यवस्थित कार्य कर रहे है, क्योंकि इनके पीछे जो व्यवस्थापक है वह स्वयं ईश्वर है, इससे सिद्ध होता है कि बिना व्यवस्थापक के कोई भी कार्य व्यवस्थित नही हो सकता है,

साथ ही बताया कि आज समाज में हर स्तर तक इतनी मिलावट हो रही है कि हर व्यक्ति हर वस्तु के साथ शुद्ध जोड़ता है, मुझे शुद्ध घी चाहिए मतलब नकली घी बाजार में उपलब्ध है! शुद्ध ईश्वर की उपासना करनी चाहिए अर्थात नकली ईश्वर की उपासना समाज मे की जा रही है, समाज मे अनेक, मत, पंथ, सम्प्रदाय चल रहे है सब अपनी बात कहते है! लेकिन सही-गलत का निर्णय वेद से होता है!  क्योंकि वेद ईश्वर की वाणी है जिसमें मनुष्यमात्र के कल्याण का उपदेश दिया है वह स्वतः प्रमाण है। ईश्वर का मुख्य नाम ओ३म् है।

कार्यक्रम में बिजनौर से पधारे सुविख्यात भजनोपदेशक मान्यवर पण्डित भीष्म जी के द्वारा भी मधुर प्रेरक भजनों का श्रवण करवाया गया इस वेद कथा के शुभारंभ पर अनेक श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर लाभ लिया।

MP Headlines
Author: MP Headlines

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *