मणिपुर। मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क गई है। बीते दिन एक व्यक्ति की सोते समय हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि कुछ बदमाशों ने इंफाल पूर्वी जिले में मणिपुर राइफल्स की दो बटालियनों के शस्त्रागार से हथियार लूटने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और खाली राउंड फायर करके भीड़ को तितर-बितर कर दिया। कुछ दिनों की राहत के बाद एक बार फिर से अब मणिपुर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. वहां पर हर दिन हिंसा बढ़ती जा रही है, जिसे काबू पाना अब एक बड़ी चुनौती बनते जा रहा है.

बुलानी पड़ी फोर्स
अब स्थिति को काबू में करने के लिए दंगा नियंत्रण वाहनों के साथ आरएएफ को भी बुलाया गया है. मणिपुर में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें ब्लॉक कर दी हैं और पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है. लगातार पथराव हो रहा है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए दूसरी तरफ से पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागे हैं. इस बीच पूरे मणिपुर में 15 सितंबर तक इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. सोमवार को जारी दो अलग-अलग आदेशों में, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के डीएम ने कहा है कि उन्होंने सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू में छूट के पिछले आदेश को हटा दिया है और साथ ही दोनों जिलों में तत्काल प्रभाव से अगली सूचना तक पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है।
आवाजाही पर लगी रोक
हालांकि, आदेशों में कहा गया है कि स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग, अदालतों के कामकाज, नगर निगम के अधिकारियों, बिजली, पेट्रोल पंप, उड़ान यात्रियों के आने-जाने और मीडिया जैसी आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों की आवाजाही पर भी रोक है।

फिर से बिगड़ने लगे हालात
सितंबर के पहले हफ्ते से मणिपुर में हिंसा का वही रूप देखने को मिल रहा है जो 2023 में जुलाई, अगस्त के महीने में देखा गया था. इतना ही नहीं ड्रोन से हवाई बमबारी से लेकर आरपीजी लॉन्च करने और अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल ने स्थिति को संवेदनशील भी बना दिया है.
पुलिस के हथियार लूटने की कोशिश
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार देर शाम कुछ बदमाशों ने 7वीं और 2वीं मणिपुर राइफल्स बटालियन से हथियार लूटने का प्रयास किया, लेकिन संयुक्त सुरक्षा बलों ने भीड़ को सफलतापूर्वक तितर-बितर कर दिया।

हिंसा में दो पुलिसकर्मी घायल
बाद में, जब सुरक्षा दल खाबेइसोई में स्थापित 7वीं बटालियन से लौट रहा था, तो बदमाशों ने उन पर गोलीबारी की, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
क्या है हिंसा की वजह
दरअसल, ये पूरी लड़ाई दो जातीय समूह कुकी और मैतई के बीच की है. ज्यादार मैतई समुदाय के लोग घाटी में रहते हैं और वहीं कुकी समुदाय के लोग पहाड़ों पर, यही अलगाव हिंसा न थमने का एक बड़ा कारण भी है. दोनों समुदायों की अलग-अलग लोकेशन होने के चलते पूरा इलाका एक सरहद में बदल गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां तक की दोनों समुदायों ने अपने लिए सेफ बंकर बना लिए हैं. और भारी मात्रा में हथियार दोनों के पास ही मौजूद हैं. जिसके चलते जब भी मौका मिलता है तब वो एक-दूसरे पर हमला करते हैं और फिर बंकर में छिप जाते हैं.

Author: MP Headlines



