मुंबई। टाटा समूह के चेयरमैन और वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा ने बुधवार रात इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। 86 साल की उम्र में देश और दुनिया को अलविदा कहने वाले रतन टाटा को खराब स्वास्थ्य के चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिन पहले ही उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने और खुद क स्वस्थ बताया था। रतन टाटा के निधन पर राजनीतिक जगत से कई लोगों ने दुख जताया। इनमें पीएम मोदी, राजनाथ सिंह, राहुल गांधी सहित कई दिग्गज शामिल हैं।
समाज सेवी रहे, जीवन और नेतृत्व शैली एक मिसाल
रतन टाटा केवल एक सफल व्यवसायी ही नहीं हैं, बल्कि वे एक समाजसेवी भी थे। उन्होंने टाटा समूह में सामाजिक उत्तरदायित्व को हमेशा प्रमुखता दी। टाटा ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, उन्होंने टाटा नैनो जैसी किफायती कार का सपना पूरा कर भारत के मध्यम वर्ग के लोगों को वहन करने योग्य वाहन का तोहफा दिया। रतन टाटा ने हमेशा सादगी और विनम्रता को अपनाया। उनके नेतृत्व की विशेषता है नैतिकता, दीर्घकालिक दृष्टिकोण और कर्मचारियों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता। रतन टाटा ने कई बार जोर देकर कहा, ‘आप व्यवसाय केवल लाभ कमाने के लिए नहीं करते, बल्कि समाज को बेहतर बनाने के लिए भी करते हैं।
कहां हुआ जन्म, कैसे छुआ सफलता का शिखर
रतन टाटा का जन्म साल 1937 में प्रतिष्ठित टाटा परिवार में हुआ था। रतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के कैंपियन स्कूल और बाद में जॉन कैनन स्कूल से की। मैनेजमेंट की पढ़ाई हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से की थी। उन्हें उनके अतुलनीय योगदान के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। रतन टाटा 1990 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन थे। उन्होंने 4 महीने अंतरिम चेयरमैन की भूमिका भी निभाई थी। उनकी उपलब्धियों में 1 लाख रुपये की कार नैनो लॉन्च, फोर्ड समूह की लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी जगुआर और लैंड रोवर खरीदना सहित और शामिल हैं। टाटा का मार्केट कैपिटल देश में सबसे अधिक है। यह रतन टाटा द्वारा कंपनी में किए गए बदलावों के कारण ही संभव हुआ।
दो दिन पहले ही दिया था हेल्थ अपडेट
नियति का खेल ही कहिए कि रतन टाटा ने अपने निधन से दो दिन पहले ही अपने स्वास्थ्य को लेकर बड़ा अपडेट दिया था। उन्होंने बताया था कि वह अपने उम्र संबंधी परेशानियों के चलते हेल्थ चेकअप करवाने गए हैं। चिंता की कोई बात नहीं है। इसी दौरान एक बयान भी जारी हुआ था, जिसमें लिखा था कि मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते रेगुलर मेडिकल चेकअप करवा रहा हूं। उन्होंने कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है। मेरा मनोबल ऊंचा है। उन्होंने लोगों और मीडिया से अफवाह न फैलाने और उसपर ध्यान न देने की अपील की थी।

रतन टाटा के निधन का समाचार सुन कर स्तब्ध हूं- नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने रतन टाटा के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि देश के महान सुपुत्र रतन टाटा जी के निधन का समाचार सुन कर स्तब्ध हूं। रतन टाटा जी से तीन दशकों से अधिक का अत्यंत घनिष्ट पारिवारिक संबंध रहा है। इतने बड़े व्यक्ति की सादगी, उनकी सहजता, अपने से छोटे का भी सम्मान करना, ये सारे गुण मैने काफी नजदीक से देखे और अनुभव किए है। मुझे अपने जीवन में उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। देश के सबसे बड़े व्यावसायी के नाते देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में, रोजगार निर्माण करने में उनका बड़ा योगदान है। वो परम देश भक्त होने के साथ साथ उसुलों पर चलने वाले इन्सान थे। जितने बड़े व्यावसायी थे, उससे भी बड़े संवेदनशील समाजसेवी थे। उनके निधन से भारत ने एक आदर्श और कर्तृत्ववान सुपुत्र को खोया है। ये देश रतन टाटा जी को कभी भूल नही सकता। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। ॐ शांति

वह हमारे दिलों में जीवित रहेंगे- अमित शाह
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रतन टाटा के निधन पर कहा कि मशहूर उद्योगपति और सच्चे राष्ट्रवादी, रतन टाटा जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने अपना जीवन निस्वार्थ भाव से हमारे देश के विकास के लिए समर्पित कर दिया। हर बार जब मैं उनसे मिला, तो भारत और इसके लोगों के भलाई के प्रति उनका उत्साह और प्रतिबद्धता मुझे चकित कर देती थी। हमारे देश और इसके लोगों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने लाखों सपनों को खिलने में मदद की। समय रतन टाटा जी को उनके प्यारे देश से दूर नहीं ले जा सकता। वह हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। मेरी संवेदना टाटा ग्रुप और उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ है। ओम शांति शांति शांति
देश के लिए ये बहुत बड़ा नुकसान- देवेंद्र फडणवीस
उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रतन टाटा जी बहुत ही सफल उद्योगपति तो थे ही लेकिन उससे भी बड़े व्यक्ति के रूप में हम उन्हें देखते हैं। उन्होंने देश और समाज के लिए काम किया है। उन्होंने केवल सफल उद्योग नहीं बल्कि एक ऐसा ब्रांड खड़ा किया जिसने हमारे देश को एक वैश्विक पहचान दी, देश के लिए ये बहुत बड़ा नुकसान है।


वह भारतीय उद्योग के एक टाइटन थे- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रतन टाटा के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि रतन टाटा के निधन से दुखी हूं। वह भारतीय उद्योग के एक टाइटन थे। रतन टाटा अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते थे। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। उनके आत्मा को शांति मिले।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया कि भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका दृष्टिकोण, समर्पण और व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक ले गई, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने रोजगार सृजन, समाज के सशक्तिकरण और नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।


Author: MP Headlines



