रतलाम। मध्यप्रदेश में भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार चल रही है। फिर भी रिश्वतखोरी के मामले कम नहीं हो पड़ रहे है। मामला रतलाम जिले का है। रतलाम जिले के नामली थाना में पदस्थ एसआई रायसिंह रावत ने एक आवेदक से रास्ता खुलवाने के एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। रिश्वत लेने के लिए एसआई खुद नहीं गया, अपन प्राइवेट व्यक्ति यानी उनके एजेंट को भेजा, जिसे उज्जैन लोकायुक्त ने मंगलवार को रंगे हाथोंपकड़ लिया। कार्रवाई उज्जैन लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान व राजेश पाठक ने रतलाम के मेडिकल कॉलेज के पास की है।

लोकायुक्त डीएसपी तालान ने बताया कि रतलाम जिले के सिखेड़ी निवासी धारासिंह पिता शंभूलाल ने शिकायत में बताया था कि नामली थाने मेंपदस्थ एसआई रायसिंह रावत ने विवाद के रास्ते को खुलवाने के बदले 15 हजार रुपए की मांगे हैं। शिकायत के बाद टीम बनाकर शिकायत का वेरिफिकेशन करवाया गया। टीम व्दारा प्लान के मुताबिक आज मंगलवार को दोपहर मेडिकल कॉलेज के बाहर रुपए देने के लिए एसआई को तैयार किया। लेकिन एसआई नहीं आया। उसने एक प्राइवेट व्यक्ति दिलीप प्रजापति को भेजा। जैसे ही उसे रुपए दिए। तब रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

एसआई ने कहा रुपए रख ले कल लूंगा
डीएसपी तालान ने बताया कि प्राइवेट व्यक्ति दिलीप प्रजापति को गिरफ्तार करने के बाद उसी से नामली थाने में पदस्थ एसआई रावत को कॉल लगवाया गया। लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ाए व्यक्ति से एस आई को कहलवाया कि उसे बताओ की रुपए आ गए हैं। तब एसआई ने कहा कि रुपए तू रख ले, कल आकर लूंगा। जिसकी रिकॉर्डिंग भी लोकायुक्त व्दारा की गई।

लोकायुक्त टीम ने एसआई रायसिंह रावत एवं प्राइवेट व्यक्ति दिलीप प्रजापति के खिलाफ धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संसोधन 2018) के अधीन केस दर्ज किया। लोकायुक्त टीम में हितेश लालावत, विशाल, उमेश लोकेश समेत 10 सदस्य शामिल रहे।
वहीं रतलाम एसपी अमित कुमार ने बताया कि लोकायुक्त कार्रवाई का प्रतिवेदन मिलने के बाद एसआई के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Author: MP Headlines



