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बिजली चोरी के मामले में 22 हजार 810 रूपये जुर्माना, अदायगी नहीं करने पर 4 माह की सजा

बिजली चोरी

भोपाल :  मुलताई जिला बैतूल की विशेष न्‍यायालय ने विद्युत चोरी के मामले में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के बैतूल वृत्त के मुलताई वितरण केंद्र अंतर्गत आरोपी श्री अर्जुन बुवाडे को 22 हजार 810 रूपये जुर्माना तथा अदायगी नहीं करने पर 4 माह की सजा सुनाई है। मुलताई न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (विद्युत) श्री पंकज चतुर्वेदीने 19 नवंबर 2024 को निर्णय पारित कर आरोपी श्री अर्जुन बुवाडे को दोषी मानते हुए जुर्माना अधिरोपित किया है।

गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी केसहायक प्रबंधक श्री बी.के. मरावी ने ग्राम सावरी, तहसील मुलताई का आकस्मिक निरीक्षण किया तो उस दौरान आरोपी श्री अर्जुन बुवाडे द्वारा सौ मीटर सर्विस लाइन से इनकमिंग टेपिंग कर घरेलू बिजली चोरी करते हुए पाया गया। मौके पर आरोपी द्वारा 1625 वॉट विद्युत का अवैध उपयोग करते पाया गया। प्रकरण में कार्यवाही करते हुए विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत विद्युत चोरी का अपराध कारित कर पंचनामा बनाया और आरोपी को 22 हजार 07 रुपये प्रोविजनल बिल दिया गया। जब आरोपी श्री अर्जुन बुवाडे ने निर्धारित समयावधि में राशि जमा नहीं की तो बिजली कंपनी के उपमहाप्रबंधक द्वारा विशेष न्‍यायालय में परिवाद प्रस्‍तुत किया। साक्ष्‍य तथा आरोपी द्वारा अपना जुर्म कबूलने के बाद मुलताई जिला बैतूल की विशेष न्‍यायालय ने 22 हजार 810 रूपये जुर्माना तथा जुर्माना अदायगी न करने पर आरोपी को 4 माह की सजा सुनाई है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने इस निर्णय के परिप्रेक्ष्य में सभी आम लोगों से आग्रह किया गया है कि वे वैध कनेक्शन लेकर ही बिजली का उपयोग करें। अनधिकृत या अवैध रूप से बिजली चोरी दण्डनीय अपराध है तथा इसमें जुर्माना और कारावास का भी प्रावधान है। IEA, 2003 के सेक्शन 135 के तहत बिजली चोरी (electricity theft) के लिए जुर्माना इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट, 2003 के सेक्शन 135 के तहत, बिजली चोरी से संबंधित अपराधों के लिए सख्त जुर्माना लगाया जाता है। दोषी पाए जाने पर अपराधी को कम से कम छह महीने और पांच साल तक की कैद हो सकती है

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Author: MP Headlines

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